नि:शल्य अष्टमी व्रत: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
16 वर्ष पर्यंत प्रति भाद्रपद शुक्ला 8 को उपवास करे। तीन बार देव पूजा करे। तथा नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे। (व्रत विधान संग्रह/पृ.101) (किशनसिंह क्रियाकोश)। | 16 वर्ष पर्यंत प्रति भाद्रपद शुक्ला 8 को उपवास करे। तीन बार देव पूजा करे। तथा नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे। <span class="GRef">( व्रत विधान संग्रह/पृ.101)</span> <span class="GRef">( किशनसिंह क्रियाकोश)</span>। | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
[[ नि | [[ नि:शंकित | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ नि | [[ नि:श्रेयस | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: न]] | [[Category: न]] | ||
[[Category: चरणानुयोग]] |
Latest revision as of 22:21, 17 November 2023
16 वर्ष पर्यंत प्रति भाद्रपद शुक्ला 8 को उपवास करे। तीन बार देव पूजा करे। तथा नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे। ( व्रत विधान संग्रह/पृ.101) ( किशनसिंह क्रियाकोश)।