पद्मदेवी: Difference between revisions
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<p> भरतक्षेत्र के मगधदेश में स्थित शाल्मलि-ग्रामवासी जयदेव और देविला की पुत्री । अज्ञात फल का भक्षण न करने से इसके उत्तर जन्म सुधरते गये । आर्या, स्वयंप्रभा, विमलश्री, इंद्र की प्रधान देवी, पद्मावती और देव होकर यह संसार से मुक्त हुई । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60. 109-122 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> भरतक्षेत्र के मगधदेश में स्थित शाल्मलि-ग्रामवासी जयदेव और देविला की पुत्री । अज्ञात फल का भक्षण न करने से इसके उत्तर जन्म सुधरते गये । आर्या, स्वयंप्रभा, विमलश्री, इंद्र की प्रधान देवी, पद्मावती और देव होकर यह संसार से मुक्त हुई । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_60#109|हरिवंशपुराण - 60.109-122]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:11, 27 November 2023
भरतक्षेत्र के मगधदेश में स्थित शाल्मलि-ग्रामवासी जयदेव और देविला की पुत्री । अज्ञात फल का भक्षण न करने से इसके उत्तर जन्म सुधरते गये । आर्या, स्वयंप्रभा, विमलश्री, इंद्र की प्रधान देवी, पद्मावती और देव होकर यह संसार से मुक्त हुई । हरिवंशपुराण - 60.109-122