पाणिपात्र: Difference between revisions
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Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
कर पात्र में आहार ग्रहण करने वाले निर्ग्रंथ मुनि । इस वृत्ति का प्रवर्तन तीर्थंकर वृषभदेव ने किया था । महापुराण 20.89, पद्मपुराण - 4.21