पुरुष सिंह: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
mNo edit summary |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
महापुराण/61/ श्लोक पूर्वक के दूसरे भव में राजगृह नगर का राजा सुमित्र था (57)। फिर महेंद्र स्वर्ग में देव हुआ (63-65)। वहाँ से च्युत होकर वर्तमान भव में 5 वाँ नारायण हुआ (71)। (विशेष देखें [[ शलाकापुरुष ]])। | <span class="GRef"> महापुराण/61/ </span>श्लोक पूर्वक के दूसरे भव में राजगृह नगर का राजा सुमित्र था (57)। फिर महेंद्र स्वर्ग में देव हुआ (63-65)। वहाँ से च्युत होकर वर्तमान भव में 5 वाँ नारायण हुआ (71)। (विशेष देखें [[ शलाकापुरुष ]])। | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 8: | Line 8: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: प]] | [[Category: प]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 19:45, 8 September 2022
महापुराण/61/ श्लोक पूर्वक के दूसरे भव में राजगृह नगर का राजा सुमित्र था (57)। फिर महेंद्र स्वर्ग में देव हुआ (63-65)। वहाँ से च्युत होकर वर्तमान भव में 5 वाँ नारायण हुआ (71)। (विशेष देखें शलाकापुरुष )।