पंचाश्चर्य: Difference between revisions
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<p> तीर्थंकरों और सिद्धि प्राप्त मुनियों को विधिपूर्वक आहार देने के पश्चात् होने वाली आश्चर्यकारी पाँच बातें― देवकृत रत्नवर्षा, पुष्पवर्षा, गंधोदकवृष्टि, शीतल, मंद और सुगंधित वायुप्रवाह और अहोदानं अहोदानं की ध्वनि । <span class="GRef"> महापुराण 8.172-175, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 9.190-195 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> तीर्थंकरों और सिद्धि प्राप्त मुनियों को विधिपूर्वक आहार देने के पश्चात् होने वाली आश्चर्यकारी पाँच बातें― देवकृत रत्नवर्षा, पुष्पवर्षा, गंधोदकवृष्टि, शीतल, मंद और सुगंधित वायुप्रवाह और अहोदानं अहोदानं की ध्वनि । <span class="GRef"> महापुराण 8.172-175, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_9#190|हरिवंशपुराण - 9.190-195]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
तीर्थंकरों और सिद्धि प्राप्त मुनियों को विधिपूर्वक आहार देने के पश्चात् होने वाली आश्चर्यकारी पाँच बातें― देवकृत रत्नवर्षा, पुष्पवर्षा, गंधोदकवृष्टि, शीतल, मंद और सुगंधित वायुप्रवाह और अहोदानं अहोदानं की ध्वनि । महापुराण 8.172-175, हरिवंशपुराण - 9.190-195