प्रभंजन: Difference between revisions
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1. मानुषोत्तर पर्वत का एक कूट व उसका स्वामी भवनवासी वायुकुमारदेव - देखें [[ लोक#5.10 | लोक - 5.10]]। | == सिद्धांतकोष से == | ||
<div class="HindiText"> 1. मानुषोत्तर पर्वत पर ईशान दिशा का एक कूट व उसका स्वामी भवनवासी वायुकुमारदेव - देखें [[ लोक#5.10 | लोक - 5.10]]। | |||
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<p id="1"> (1) मानुषोत्तर पर्वत को पश्चिमोत्तर दिशा में नीलाचल से स्पृष्ट भाग में स्थित इस नाम का एक कूट । <span class="GRef"> <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.610 </span> </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) मानुषोत्तर पर्वत को पश्चिमोत्तर दिशा में नीलाचल से स्पृष्ट भाग में स्थित इस नाम का एक कूट । <span class="GRef"> <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#610|हरिवंशपुराण - 5.610]] </span> </span></p> | ||
<p id="2">(2) मानुषोत्तर पर्वत के इस नाम के कूट का | <p id="2" class="HindiText">(2) मानुषोत्तर पर्वत के इस नाम के कूट का निवासी और वायुकुमारों का इंद्र । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#610|हरिवंशपुराण - 5.610]] </span></p> | ||
<p id="3">(3) राजा विनमि विद्याधर का पुत्र । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 22.103-104 </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) राजा विनमि विद्याधर का पुत्र । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_22#103|हरिवंशपुराण - 22.103-104]] </span></p> | ||
<p id="4">(4) भरतक्षेत्र में स्थित हरिवर्ष देश के भो<span class="GRef"> महापुराण </span>र नगर का राजा । इसकी मृकंडु नामा रानी और उससे उत्पन्न सिंहकेतु नामक पुत्र था । <span class="GRef"> महापुराण </span> 70.75, <span class="GRef"> पांडवपुराण 6.118-120 </span></p> | <p id="4" class="HindiText">(4) भरतक्षेत्र में स्थित हरिवर्ष देश के भो<span class="GRef"> महापुराण </span>र नगर का राजा । इसकी मृकंडु नामा रानी और उससे उत्पन्न सिंहकेतु नामक पुत्र था । <span class="GRef"> महापुराण </span> 70.75, <span class="GRef"> पांडवपुराण 6.118-120 </span></p> | ||
<p id="5">(5) वैशाली नगर के राजा चेटक और उसकी रानी सुप्रभा के दस पुत्रों में नवा पुत्र । <span class="GRef"> महापुराण </span> 75.3-5</p> | <p id="5" class="HindiText">(5) वैशाली नगर के राजा चेटक और उसकी रानी सुप्रभा के दस पुत्रों में नवा पुत्र । <span class="GRef"> महापुराण </span> 75.3-5</p> | ||
<p id="6">(6) विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी के | <p id="6" class="HindiText">(6) विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी के विद्युतकांतपुर का राजा (विद्याधर) । यह अंजना का पति और अमिततेज का जनक था अपर नाम अणुमान । <span class="GRef"> महापुराण </span> 68.275-276 देखें [[ अमिततेज ]]</p> | ||
<p id="7">(7) ऐशान स्वर्ग के रुषित विमान में उत्पन्न एक देव । <span class="GRef"> महापुराण </span> 8.214</p> | <p id="7" class="HindiText">(7) ऐशान स्वर्ग के रुषित विमान में उत्पन्न एक देव । <span class="GRef"> महापुराण </span> 8.214</p> | ||
<p id="8">(8) विदेह का एक राजा । दूसरी रानी चित्रमालिनी और प्रशांतमदन इसका पुत्र था । <span class="GRef"> महापुराण </span> 10.152</p> | <p id="8" class="HindiText">(8) विदेह का एक राजा । दूसरी रानी चित्रमालिनी और प्रशांतमदन इसका पुत्र था । <span class="GRef"> महापुराण </span> 10.152</p> | ||
<p id="9">(9) भूमिगोचरी एक राजा । यह अकंपन की पुत्री सुलोचना के स्वयंवर में आया था । <span class="GRef"> पांडवपुराण 3.36-37 </span></p> | <p id="9" class="HindiText">(9) भूमिगोचरी एक राजा । यह अकंपन की पुत्री सुलोचना के स्वयंवर में आया था । <span class="GRef"> पांडवपुराण 3.36-37 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
पुराणकोष से
(1) मानुषोत्तर पर्वत को पश्चिमोत्तर दिशा में नीलाचल से स्पृष्ट भाग में स्थित इस नाम का एक कूट । हरिवंशपुराण - 5.610
(2) मानुषोत्तर पर्वत के इस नाम के कूट का निवासी और वायुकुमारों का इंद्र । हरिवंशपुराण - 5.610
(3) राजा विनमि विद्याधर का पुत्र । हरिवंशपुराण - 22.103-104
(4) भरतक्षेत्र में स्थित हरिवर्ष देश के भो महापुराण र नगर का राजा । इसकी मृकंडु नामा रानी और उससे उत्पन्न सिंहकेतु नामक पुत्र था । महापुराण 70.75, पांडवपुराण 6.118-120
(5) वैशाली नगर के राजा चेटक और उसकी रानी सुप्रभा के दस पुत्रों में नवा पुत्र । महापुराण 75.3-5
(6) विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी के विद्युतकांतपुर का राजा (विद्याधर) । यह अंजना का पति और अमिततेज का जनक था अपर नाम अणुमान । महापुराण 68.275-276 देखें अमिततेज
(7) ऐशान स्वर्ग के रुषित विमान में उत्पन्न एक देव । महापुराण 8.214
(8) विदेह का एक राजा । दूसरी रानी चित्रमालिनी और प्रशांतमदन इसका पुत्र था । महापुराण 10.152
(9) भूमिगोचरी एक राजा । यह अकंपन की पुत्री सुलोचना के स्वयंवर में आया था । पांडवपुराण 3.36-37