महतिमहावीर: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> महावीर का नाम । उज्जयिनी के अतिमुक्तक श्मशान में एक स्थाणु रुद्र ने महावीर पर अनेक उपसर्ग करने के बाद उनके अविचल रहने से उन्हें यह नाम दिया था । <span class="GRef"> महापुराण 74.331-336 </span>महर्षिक― सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । <span class="GRef"> महापुराण 25.145 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> महावीर का नाम । उज्जयिनी के अतिमुक्तक श्मशान में एक स्थाणु रुद्र ने महावीर पर अनेक उपसर्ग करने के बाद उनके अविचल रहने से उन्हें यह नाम दिया था । <span class="GRef"> महापुराण 74.331-336 </span>महर्षिक― सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । <span class="GRef"> महापुराण 25.145 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: म]] | [[Category: म]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
महावीर का नाम । उज्जयिनी के अतिमुक्तक श्मशान में एक स्थाणु रुद्र ने महावीर पर अनेक उपसर्ग करने के बाद उनके अविचल रहने से उन्हें यह नाम दिया था । महापुराण 74.331-336 महर्षिक― सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25.145