उत्पातिनी: Difference between revisions
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Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
एक औषधि विद्या
हरिवंशपुराण/22/51-73 का भावार्थ–
भगवान् ऋषभदेव से नमि और विनमि द्वारा राज्य की याचना करने पर धरणेंद्र ने अनेक देवों के संग आकर उन दोनों को अपनी देवियों से कुछ विद्याएँ दिलाकर संतुष्ट किया। उन्हीं विद्याओं में से एक विद्या का नाम उत्पातिनी विद्या है।
- देखें विद्या ।
पुराणकोष से
सोलह निकायों में स्थित मीर अनेक प्रकार की शक्तियों से मुक्त विद्याधरों की एक औषधि― विद्या । हरिवंशपुराण - 22.69