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| <p id="1"> (1) चौथा स्वर्ग । <span class="GRef"> महापुराण 7.11, 61-65, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 105.166-167, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 6.36 </span></p>
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| <p id="2">(2) तीर्थंकर वृषभदेव के उन्नीसवें गणधर । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 12.58 </span></p>
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| <p id="3">(3) देवों से सेवित एक विद्यास्त्र । वैरोचन शस्त्र और समोरास्त्र इसका निवारक होता है । <span class="GRef"> पद्मपुराण 74.100-101, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 25.46-47 </span></p>
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| [[Category: पुराण-कोष]]
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