उपचार छल: Difference between revisions
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< | <span class="GRef"> न्यायदर्शन सूत्र/ मूल/1-2/14/51</span> <span class="SanskritText">धर्मविकल्पनिर्देशेऽर्थसद्भावप्रतिषेध उपचारच्छलम् ।14। </span><br><span class="GRef"> न्यायदर्शन सूत्र/ भाषा/1-2/14/51/7 </span> <span class="SanskritText">यथा मंचा: क्रोशंतीति अर्थसद्भावेन प्रतिषेध:। मंचस्था: पुरुषा: क्रोशंति न तु मंचा: क्रोशंति। </span>=<span class="HindiText">उपचार अर्थ में मुख्य अर्थ का निषेध करके वक्ता के वचनों को निषेध करना '''उपचार छल''' है। जैसे कोई कहे, कि मंच रोते हैं, तो छलवादी उत्तर देता है, कहीं मंच जैसे अचेतन पदार्थ भी रो सकते हैं, अतएव यह कहना चाहिए कि मंच पर बैठे हुए आदमी रोते हैं।</span> | ||
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Latest revision as of 16:25, 23 January 2023
न्यायदर्शन सूत्र/ मूल/1-2/14/51 धर्मविकल्पनिर्देशेऽर्थसद्भावप्रतिषेध उपचारच्छलम् ।14।
न्यायदर्शन सूत्र/ भाषा/1-2/14/51/7 यथा मंचा: क्रोशंतीति अर्थसद्भावेन प्रतिषेध:। मंचस्था: पुरुषा: क्रोशंति न तु मंचा: क्रोशंति। =उपचार अर्थ में मुख्य अर्थ का निषेध करके वक्ता के वचनों को निषेध करना उपचार छल है। जैसे कोई कहे, कि मंच रोते हैं, तो छलवादी उत्तर देता है, कहीं मंच जैसे अचेतन पदार्थ भी रो सकते हैं, अतएव यह कहना चाहिए कि मंच पर बैठे हुए आदमी रोते हैं।
देखें छल ।