राक्षसद्वीप: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(3 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> लवणसमुद्र में विद्यमान द्वीपों के मध्य स्थित एक द्वीप । राक्षस विद्याधरों की क्रीडास्थली होने से यह इस नाम से प्रसिद्ध था । यह सात सौ योजन लंबा और इतना ही | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> लवणसमुद्र में विद्यमान द्वीपों के मध्य स्थित एक द्वीप । राक्षस विद्याधरों की क्रीडास्थली होने से यह इस नाम से प्रसिद्ध था । यह सात सौ योजन लंबा और इतना ही चौड़ा था । इस द्वीप के मध्य में त्रिकूटाचल पर्वत और इस पर्वत के नीचे लंका नगरी है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_5#152|पद्मपुराण - 5.152-158]] </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: र]] | [[Category: र]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
लवणसमुद्र में विद्यमान द्वीपों के मध्य स्थित एक द्वीप । राक्षस विद्याधरों की क्रीडास्थली होने से यह इस नाम से प्रसिद्ध था । यह सात सौ योजन लंबा और इतना ही चौड़ा था । इस द्वीप के मध्य में त्रिकूटाचल पर्वत और इस पर्वत के नीचे लंका नगरी है । पद्मपुराण - 5.152-158