रोहितास्या: Difference between revisions
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<li> हैमवत क्षेत्र की प्रधान नदी−देखें [[ लोक#3.11 | लोक - 3.11]]। </li> | |||
<li>हैमवत क्षेत्र में स्थित एक कुंड जिसमें से रोहितास्या नदी निकलती है−देखें [[ लोक#3.10 | लोक - 3.10]]। </li> | |||
<li> हिमवान् पर्वतस्थ एक कूट−देखें [[ लोक#5.4 | लोक - 5.4]]।</li> | <li> हिमवान् पर्वतस्थ एक कूट−देखें [[ लोक#5.4 | लोक - 5.4]]।</li> | ||
<li> रोहितास्या कूट की स्वामिनी देवी−देखें [[ लोक#5.4 | लोक - 5.4]]। </li> | <li> रोहितास्या कूट की स्वामिनी देवी−देखें [[ लोक#5.4 | लोक - 5.4]]। </li> | ||
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<p> चौदह महानदियों में चौथी नदी । यह पद्मसरोवर के उत्तरी तोरणद्वार से निकलकर तथा उत्तर की ओर | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> चौदह महानदियों में चौथी नदी । यह पद्मसरोवर के उत्तरी तोरणद्वार से निकलकर तथा उत्तर की ओर मुड़कर पश्चिम समुद्र में मिली है । <span class="GRef"> महापुराण 63. 195, 32. 123, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#123|हरिवंशपुराण - 5.123]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#132|हरिवंशपुराण - 5.132]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
- हैमवत क्षेत्र की प्रधान नदी−देखें लोक - 3.11।
- हैमवत क्षेत्र में स्थित एक कुंड जिसमें से रोहितास्या नदी निकलती है−देखें लोक - 3.10।
- हिमवान् पर्वतस्थ एक कूट−देखें लोक - 5.4।
- रोहितास्या कूट की स्वामिनी देवी−देखें लोक - 5.4।
पुराणकोष से
चौदह महानदियों में चौथी नदी । यह पद्मसरोवर के उत्तरी तोरणद्वार से निकलकर तथा उत्तर की ओर मुड़कर पश्चिम समुद्र में मिली है । महापुराण 63. 195, 32. 123, हरिवंशपुराण - 5.123,हरिवंशपुराण - 5.132