उभयासंख्यात: Difference between revisions
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Latest revision as of 10:27, 29 June 2023
धवला पुस्तक 3/1,2,15/125/4 जं तं उभयासंखेज्जयं तं लोयायासस्स उभयदिसाओ, ताओ, पेक्खमाणे पदेसगणणं पडुच्च संखाभावादो। = लोकाकाश की उभय दिशाओं अर्थात् दो दिशाओ में स्थित प्रदेश पंक्ति उभयासंख्यात् है, क्योंकि, लोकाकाश के दो और देखने पर प्रदेशों की गणना की अपेक्षा वे संख्यातीत हैं।
अधिक जानकारी के लिये देखें असंख्यात ।