विद्युत्प्रभा: Difference between revisions
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<p id="1">(1) विद्याधर वज्रदंष्ट्र की रानी और विद्युद्दंष्ट्र की जननी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 27. 121 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText">(1) विद्याधर वज्रदंष्ट्र की रानी और विद्युद्दंष्ट्र की जननी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_27#121|हरिवंशपुराण - 27.121]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) जयकुमार के शील की परीक्षा करने वाली देवी । <span class="GRef"> महापुराण 47. 259-270 </span>देखें [[ जयकुमार ]]</p> | <p id="2" class="HindiText">(2) जयकुमार के शील की परीक्षा करने वाली देवी । <span class="GRef"> महापुराण 47. 259-270 </span>देखें [[ जयकुमार ]]</p> | ||
<p id="3">(3) सौधर्म स्वर्ग के श्रीनिलय विमान की देवी । <span class="GRef"> महापुराण 62. 375 </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) सौधर्म स्वर्ग के श्रीनिलय विमान की देवी । <span class="GRef"> महापुराण 62. 375 </span></p> | ||
<p id="4">(4) राजा कनक और रानी संख्या की पुत्री । रावण ने इसे गंधर्वविधि से विवाहा था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 8. 105, 108 </span></p> | <p id="4" class="HindiText">(4) राजा कनक और रानी संख्या की पुत्री । रावण ने इसे गंधर्वविधि से विवाहा था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_8#105|पद्मपुराण - 8.105]],[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_8#108|पद्मपुराण - 8.108]] </span></p> | ||
<p id="5">(5) दधिमुख नगर के राजा गंधर्व तथा रानी अमरा की दूसरी पुत्री । यह चंद्रलेखा की छोटी और तरंगमाला की | <p id="5" class="HindiText">(5) दधिमुख नगर के राजा गंधर्व तथा रानी अमरा की दूसरी पुत्री । यह चंद्रलेखा की छोटी और तरंगमाला की बड़ी बहिन थी । ये तीनों बहिनें राम के साथ विवाही गयी थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_51#25|पद्मपुराण - 51.25-26]], 28 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
(1) विद्याधर वज्रदंष्ट्र की रानी और विद्युद्दंष्ट्र की जननी । हरिवंशपुराण - 27.121
(2) जयकुमार के शील की परीक्षा करने वाली देवी । महापुराण 47. 259-270 देखें जयकुमार
(3) सौधर्म स्वर्ग के श्रीनिलय विमान की देवी । महापुराण 62. 375
(4) राजा कनक और रानी संख्या की पुत्री । रावण ने इसे गंधर्वविधि से विवाहा था । पद्मपुराण - 8.105,पद्मपुराण - 8.108
(5) दधिमुख नगर के राजा गंधर्व तथा रानी अमरा की दूसरी पुत्री । यह चंद्रलेखा की छोटी और तरंगमाला की बड़ी बहिन थी । ये तीनों बहिनें राम के साथ विवाही गयी थी । पद्मपुराण - 51.25-26, 28