कल्पाकल्प: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
(10 intermediate revisions by 4 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
श्रुतज्ञान का | | ||
== सिद्धांतकोष से == | |||
<span class="HindiText"> श्रुतज्ञान का 10 वाँ अंगबाह्य–देखें [[ श्रुतज्ञान#III | श्रुतज्ञान - III]] | |||
< | <noinclude> | ||
[[ कल्पशास्त्र | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[Category:क]] | [[ कल्पाग | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: क]] | |||
== पुराणकोष से == | |||
<span class="HindiText"> अंगबाह्यश्रुत के चौदह प्रकीर्णकों में दसवाँ प्रकीर्णक । इसमें करणीय और अकरणीय दोनों प्रकार के कार्यों का निरुपण है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_2#101|हरिवंशपुराण - 2.101-105]], 10. 136 </span> | |||
<noinclude> | |||
[[ कल्पशास्त्र | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ कल्पाग | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: पुराण-कोष]] | |||
[[Category: क]] | |||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 14:41, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
श्रुतज्ञान का 10 वाँ अंगबाह्य–देखें श्रुतज्ञान - III
पुराणकोष से
अंगबाह्यश्रुत के चौदह प्रकीर्णकों में दसवाँ प्रकीर्णक । इसमें करणीय और अकरणीय दोनों प्रकार के कार्यों का निरुपण है । हरिवंशपुराण - 2.101-105, 10. 136