सुकौशल: Difference between revisions
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<li> पद्मपुराण/ सर्ग/श्लोक राजा कीर्तिधर का पुत्र था। (22/159)। मुनि (अपने पिता) की धर्मवाणी श्रवण कर दीक्षा ग्रहण कर ली (22/40)। तपश्चरण करते हुए को माता ने शेरनी बनकर खा लिया (22/90)। जीवन के अंतिम क्षण में निर्वाण प्राप्त किया (22/98)।</li> | <li><span class="GRef"> पद्मपुराण/सर्ग/श्लोक </span><br>राजा कीर्तिधर का पुत्र था। (22/159)। मुनि (अपने पिता) की धर्मवाणी श्रवण कर दीक्षा ग्रहण कर ली (22/40)। तपश्चरण करते हुए को माता ने शेरनी बनकर खा लिया (22/90)। जीवन के अंतिम क्षण में निर्वाण प्राप्त किया (22/98)।</li> | ||
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Latest revision as of 22:36, 17 November 2023
- मध्यप्रदेश। अपरनाम महाकौसल। ( महापुराण/ प्रस्तावना 48 पन्नालाल)।
- पद्मपुराण/सर्ग/श्लोक
राजा कीर्तिधर का पुत्र था। (22/159)। मुनि (अपने पिता) की धर्मवाणी श्रवण कर दीक्षा ग्रहण कर ली (22/40)। तपश्चरण करते हुए को माता ने शेरनी बनकर खा लिया (22/90)। जीवन के अंतिम क्षण में निर्वाण प्राप्त किया (22/98)।