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| <p id="1"> (1) एक राजा । इसने तीर्थंकर वासुपूज्य को आहार देकर पंचाश्चर्य प्राप्त किये थे । <span class="GRef"> महापुराण 58.40-41 </span></p>
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| <p id="2">(2) कुण्डलगिरि के उत्तरदिशा संबंधी स्फटिककूट का निवासी एक देव । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.694 </span></p>
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| <p id="3">(3) भरतक्षेत्र का एक मिथ्यादृष्टि ब्राह्मण । अर्हद्दास के सदुपदेश से यह सम्यक्त्वी हो गया था । अन्त में समाधिपूर्वक मरण करके व्रताचरण से उत्पन्न पुण्य के प्रभाव से यह सौधर्म स्वर्ग में देव हुआ और स्वर्ग से चयकर राजा श्रेणिक का अभयकुमार नामक पुत्र हुआ । <span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 19. 170-203 </span></p>
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| [[Category: पुराण-कोष]]
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| [[Category: स]]
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