सूर्यक: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(3 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
< | <div class="HindiText"> नभतिस्तलक नगर के राजा त्रिशिखर का पुत्र । इसके लिए राजा त्रिशिखर ने विद्युद्वेग विद्याधर से उसकी पुत्री मदनवेगा की याचना की थी किंतु उसकी याचना पूर्ण नहीं हुई थी । वसुदेव ने विद्युद्वेग की ओर से इसके साथ युद्ध किया था तथा इसे मार डाला था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_25#38|हरिवंशपुराण - 25.38-42]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_25#69|हरिवंशपुराण - 25.69]] </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: स]] | [[Category: स]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 15:30, 27 November 2023
नभतिस्तलक नगर के राजा त्रिशिखर का पुत्र । इसके लिए राजा त्रिशिखर ने विद्युद्वेग विद्याधर से उसकी पुत्री मदनवेगा की याचना की थी किंतु उसकी याचना पूर्ण नहीं हुई थी । वसुदेव ने विद्युद्वेग की ओर से इसके साथ युद्ध किया था तथा इसे मार डाला था । हरिवंशपुराण - 25.38-42,हरिवंशपुराण - 25.69