भोजन: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
No edit summary |
||
(One intermediate revision by the same user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p><span class="GRef"> धवला 12/4,2,8,7/282/13 </span><span class="SanskritText">भुज्यत इति भोजनमोदन:; भुक्तिकारणपरिणामो वा भोजनं।</span> | <p><span class="GRef"> धवला 12/4,2,8,7/282/13 </span><span class="SanskritText">भुज्यत इति भोजनमोदन:; भुक्तिकारणपरिणामो वा भोजनं।</span> <span class="SanskritText">‘भुज्यते इति भोजनम्’</span> <span class="HindiText">अर्थात् जो खाया जाता है वह भोजन है, इस निरुक्ति के अनुसार ओदन को भोजन कहा गया है। अथवा (भुज्यते अनेनेति भोजनम्) इस निरुक्ति के अनुसार आहार-ग्रहण के कारणभूत परिणाम को भी भोजन कहा जाता है।</span></p> | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 8: | Line 8: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: भ]] | [[Category: भ]] | ||
[[Category: चरणानुयोग]] |
Latest revision as of 19:43, 14 October 2022
धवला 12/4,2,8,7/282/13 भुज्यत इति भोजनमोदन:; भुक्तिकारणपरिणामो वा भोजनं। ‘भुज्यते इति भोजनम्’ अर्थात् जो खाया जाता है वह भोजन है, इस निरुक्ति के अनुसार ओदन को भोजन कहा गया है। अथवा (भुज्यते अनेनेति भोजनम्) इस निरुक्ति के अनुसार आहार-ग्रहण के कारणभूत परिणाम को भी भोजन कहा जाता है।