अनुवादी: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> षडज्र, ऋषभ, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत और निषाद इन सात प्रकार के स्वरों के प्रयोग करने के चार प्रकारों में चौथा प्रकार । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 19.153 | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> षडज्र, ऋषभ, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत और निषाद इन सात प्रकार के स्वरों के प्रयोग करने के चार प्रकारों में चौथा प्रकार । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_19#153|हरिवंशपुराण - 19.153-154]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
षडज्र, ऋषभ, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत और निषाद इन सात प्रकार के स्वरों के प्रयोग करने के चार प्रकारों में चौथा प्रकार । हरिवंशपुराण - 19.153-154