एषणासमितिव्रत: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> एक व्रत । यह नौ कोटियों से लगने वाले छियालीस दोषों को नष्ट करने के लिए किया जाता है । इसमें चार सौ चौदह उपवास तथा उतनी ही पारणाएँ की जाती है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 34.108 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> एक व्रत । यह नौ कोटियों से लगने वाले छियालीस दोषों को नष्ट करने के लिए किया जाता है । इसमें चार सौ चौदह उपवास तथा उतनी ही पारणाएँ की जाती है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_34#108|हरिवंशपुराण - 34.108]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
एक व्रत । यह नौ कोटियों से लगने वाले छियालीस दोषों को नष्ट करने के लिए किया जाता है । इसमें चार सौ चौदह उपवास तथा उतनी ही पारणाएँ की जाती है । हरिवंशपुराण - 34.108
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