तापन: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1">(1) नागराज द्वारा प्रद्युम्न को प्रदत्त पांच बाणों में एक बाण । <span class="GRef"> महापुराण 72. 118-119 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText">(1) नागराज द्वारा प्रद्युम्न को प्रदत्त पांच बाणों में एक बाण । <span class="GRef"> महापुराण 72. 118-119 </span></p> | ||
<p id="2">(2) तीसरी बालुकाप्रभा नरकभूमि के चतुर्थ प्रस्तार का इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में अठासी और विदिशाओं में चौरासी श्रेणिबद्ध बिल हैं । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 4.80-81, 121 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) तीसरी बालुकाप्रभा नरकभूमि के चतुर्थ प्रस्तार का इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में अठासी और विदिशाओं में चौरासी श्रेणिबद्ध बिल हैं । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#80|हरिवंशपुराण - 4.80-81]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#121|हरिवंशपुराण - 4.121]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 12:50, 1 February 2024
सिद्धांतकोष से
तीसरे नरक का चौथा पटल–देखें नरक - 5.11।
पुराणकोष से
(1) नागराज द्वारा प्रद्युम्न को प्रदत्त पांच बाणों में एक बाण । महापुराण 72. 118-119
(2) तीसरी बालुकाप्रभा नरकभूमि के चतुर्थ प्रस्तार का इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में अठासी और विदिशाओं में चौरासी श्रेणिबद्ध बिल हैं । हरिवंशपुराण - 4.80-81,हरिवंशपुराण - 4.121