देवावतार: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> पूर्व मालव देश का एक तीर्थ । जरासंध से संधि करने के लिए समुद्रविजय द्वारा ससैन्य प्रेषित कुमारलोहजंघ ने तिलकानंद और नंदन मुनियों को यहीं आहार देकर पंचाश्चर्य प्राप्त किये थे । तभी से यह स्थान इस नाम से प्रख्यात हो गया । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 50.56-60 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> पूर्व मालव देश का एक तीर्थ । जरासंध से संधि करने के लिए समुद्रविजय द्वारा ससैन्य प्रेषित कुमारलोहजंघ ने तिलकानंद और नंदन मुनियों को यहीं आहार देकर पंचाश्चर्य प्राप्त किये थे । तभी से यह स्थान इस नाम से प्रख्यात हो गया । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_50#56|हरिवंशपुराण - 50.56-60]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:11, 27 November 2023
पूर्व मालव देश का एक तीर्थ । जरासंध से संधि करने के लिए समुद्रविजय द्वारा ससैन्य प्रेषित कुमारलोहजंघ ने तिलकानंद और नंदन मुनियों को यहीं आहार देकर पंचाश्चर्य प्राप्त किये थे । तभी से यह स्थान इस नाम से प्रख्यात हो गया । हरिवंशपुराण - 50.56-60