द्रव्यार्थिक-नय: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> वस्तु के किसी एक निश्चित स्वरूप का बोध कराने वाले नय के दो भेदों मे प्रथम भेद । नैगम, संग्रह और व्यवहार ये तीन इसके प्रभेद हैं । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.39-42 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> वस्तु के किसी एक निश्चित स्वरूप का बोध कराने वाले नय के दो भेदों मे प्रथम भेद । नैगम, संग्रह और व्यवहार ये तीन इसके प्रभेद हैं । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_58#39|हरिवंशपुराण - 58.39-42]] </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 15:11, 27 November 2023
वस्तु के किसी एक निश्चित स्वरूप का बोध कराने वाले नय के दो भेदों मे प्रथम भेद । नैगम, संग्रह और व्यवहार ये तीन इसके प्रभेद हैं । हरिवंशपुराण - 58.39-42