केशव: Difference between revisions
From जैनकोष
('<p class="HindiText">म.पु./सर्ग/श्लोक पूर्व विदेह में महावत्स ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
(Imported from text file) |
||
(11 intermediate revisions by 5 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
< | | ||
== सिद्धांतकोष से == | |||
<span class="GRef"> महापुराण/ सर्ग/</span><br> | |||
<span class="HindiText">श्लोक पूर्व विदेह में महावत्स देश की सुसीमा नगरी के राजा सुविधि का पुत्र था (10/145) पूर्वभव के संस्कार से पिता को (भगवान् ऋषभ का पूर्वभव) विशेष प्रेम था (10/147)। अंत में दीक्षा धारणकर अच्युत स्वर्ग में प्रतींद्र हुआ (10/171)। यह श्रेयांस राजा का पूर्व का पाँचवा भव है।—देखें [[ श्रेयांस ]]। | |||
< | <noinclude> | ||
[[ केशलोंच | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[Category:क]] | [[ केशव वर्णी | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: क]] | |||
== पुराणकोष से == | |||
<span class="HindiText"> (1) कृष्ण का एक नाम । <span class="GRef"> महापुराण 71.76 </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_1#19|हरिवंशपुराण - 1.19]],47.94 </span></br><span class="HindiText">(2) जंबूद्वीप संबंधी पूर्व विदेह क्षेत्र में स्थित महावत्स देश की सुसीमा नगरी के राजा सुविधि और उसकी रानी मनोरमा का पुत्र । जीवन के अंत में इसने बाह्य और आभ्यंतर परिग्रह को त्याग दिया और निर्ग्रंथ-दीक्षा धारण कर ली । मरकर यह अच्युत स्वर्ग में प्रतींद्र हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 10.121-122,145,171 </span></br><span class="HindiText">(3) केशव नारायण नौ है । इनके नाम है― त्रिपृष्ठ, द्विपृष्ठ, स्वयंभू, पुरुषोत्तम, पुरुषसिंह, पुंडरीक, दत्त, लक्ष्मण और कृष्ण । ये भरत देश के तीन खंडों के स्वामी होते हैं और अजेय होते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 2.117, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_66#288|हरिवंशपुराण - 66.288-289]] </span> | |||
<noinclude> | |||
[[ केशलोंच | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ केशव वर्णी | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: पुराण-कोष]] | |||
[[Category: क]] | |||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 14:41, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
महापुराण/ सर्ग/
श्लोक पूर्व विदेह में महावत्स देश की सुसीमा नगरी के राजा सुविधि का पुत्र था (10/145) पूर्वभव के संस्कार से पिता को (भगवान् ऋषभ का पूर्वभव) विशेष प्रेम था (10/147)। अंत में दीक्षा धारणकर अच्युत स्वर्ग में प्रतींद्र हुआ (10/171)। यह श्रेयांस राजा का पूर्व का पाँचवा भव है।—देखें श्रेयांस ।
पुराणकोष से
(1) कृष्ण का एक नाम । महापुराण 71.76 हरिवंशपुराण - 1.19,47.94
(2) जंबूद्वीप संबंधी पूर्व विदेह क्षेत्र में स्थित महावत्स देश की सुसीमा नगरी के राजा सुविधि और उसकी रानी मनोरमा का पुत्र । जीवन के अंत में इसने बाह्य और आभ्यंतर परिग्रह को त्याग दिया और निर्ग्रंथ-दीक्षा धारण कर ली । मरकर यह अच्युत स्वर्ग में प्रतींद्र हुआ । महापुराण 10.121-122,145,171
(3) केशव नारायण नौ है । इनके नाम है― त्रिपृष्ठ, द्विपृष्ठ, स्वयंभू, पुरुषोत्तम, पुरुषसिंह, पुंडरीक, दत्त, लक्ष्मण और कृष्ण । ये भरत देश के तीन खंडों के स्वामी होते हैं और अजेय होते हैं । महापुराण 2.117, हरिवंशपुराण - 66.288-289