पुरुदेव: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> आदिनाथ का अपरनाम । पुराण पुरुषों में प्रथम, महान् और अत्यंत दीप्तिमान् होने से तीर्थंकर आदिनाथ को इस नाम से भी व्यवहृत्त किया गया है । सौधर्मेंद्र द्वारा वृषभदेव की इसी से स्तुति की गयी है । <span class="GRef"> महापुराण 17.72, 25.192, 63.404, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 8.211 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> आदिनाथ का अपरनाम । पुराण पुरुषों में प्रथम, महान् और अत्यंत दीप्तिमान् होने से तीर्थंकर आदिनाथ को इस नाम से भी व्यवहृत्त किया गया है । सौधर्मेंद्र द्वारा वृषभदेव की इसी से स्तुति की गयी है । <span class="GRef"> महापुराण 17.72, 25.192, 63.404, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_8#211|हरिवंशपुराण - 8.211]] </span></p> | ||
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आदिनाथ का अपरनाम । पुराण पुरुषों में प्रथम, महान् और अत्यंत दीप्तिमान् होने से तीर्थंकर आदिनाथ को इस नाम से भी व्यवहृत्त किया गया है । सौधर्मेंद्र द्वारा वृषभदेव की इसी से स्तुति की गयी है । महापुराण 17.72, 25.192, 63.404, हरिवंशपुराण - 8.211