पूर्वधर: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> चौदह पूर्वों के ज्ञाता मुनि । वृषभदेव के संघ में चार हजार सात सौ पचास पूर्वधर मुनि थे । इसी प्रकार शेष तीर्थंकरों के संघों में भी पूर्वधर मुनि होते रहे हैं । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 12.71-72 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> चौदह पूर्वों के ज्ञाता मुनि । वृषभदेव के संघ में चार हजार सात सौ पचास पूर्वधर मुनि थे । इसी प्रकार शेष तीर्थंकरों के संघों में भी पूर्वधर मुनि होते रहे हैं । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_12#71|हरिवंशपुराण - 12.71-72]] </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: प]] | [[Category: प]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
चौदह पूर्वों के ज्ञाता मुनि । वृषभदेव के संघ में चार हजार सात सौ पचास पूर्वधर मुनि थे । इसी प्रकार शेष तीर्थंकरों के संघों में भी पूर्वधर मुनि होते रहे हैं । हरिवंशपुराण - 12.71-72