भद्रकाली: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(8 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
| | ||
== सिद्धांतकोष से == | == सिद्धांतकोष से == | ||
<div class="HindiText"> भद्रबल भगवान् ऋषभदेव से नमि और विनमि द्वारा राज्य की याचना करने पर धरणेंद्र ने अनेक देवों के संग आकर उन दोनों को अपनी देवियों से कुछ विद्याएँ दिलाकर संतुष्ट किया। भद्रकाली उन्हीं विद्याओं में से एक प्रकार की विद्या है| विद्या के अन्य प्रकारों के लिए देखें [[ विद्या #4 | विद्या-4 ]]। </div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 7: | Line 9: | ||
[[ भद्रकूट | अगला पृष्ठ ]] | [[ भद्रकूट | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
Line 13: | Line 16: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> <p> सोलह निकाय विद्याओं में विद्याधरों की एक विद्या । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 22.66 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> सोलह निकाय विद्याओं में विद्याधरों की एक विद्या । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_22#66|हरिवंशपुराण - 22.66]] </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Line 24: | Line 27: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: भ]] | [[Category: भ]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
भद्रबल भगवान् ऋषभदेव से नमि और विनमि द्वारा राज्य की याचना करने पर धरणेंद्र ने अनेक देवों के संग आकर उन दोनों को अपनी देवियों से कुछ विद्याएँ दिलाकर संतुष्ट किया। भद्रकाली उन्हीं विद्याओं में से एक प्रकार की विद्या है| विद्या के अन्य प्रकारों के लिए देखें विद्या-4 ।
पुराणकोष से
सोलह निकाय विद्याओं में विद्याधरों की एक विद्या । हरिवंशपुराण - 22.66