विदर्भ: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(3 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
| | ||
== सिद्धांतकोष से == | == सिद्धांतकोष से == | ||
वर्तमान का बरार प्रांत। इसकी प्राचीन राजधानी विदर्भपुर (बीदर) अथवा कुंडिनपुर थी। | <span class="HindiText">वर्तमान का बरार प्रांत। इसकी प्राचीन राजधानी विदर्भपुर (बीदर) अथवा कुंडिनपुर थी। <span class="GRef">( महापुराण प्र.49/पं. पन्नालाल)</span>। </span> | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 13: | Line 13: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> <p id="1">(1) वृषभदेव के समय का इंद्र द्वारा निर्मित एक देश । वृषभदेव यहाँ विहार करते हुए आये थे । कुंडलपुर इसी देश का नगर था । इसी देश में वरदा नदी के तट पर राजा कुणिम ने कुंडिमपुर नगर बसाया था । <span class="GRef"> महापुराण 16.153, 25.287, 71. 341, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 17.23 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText">(1) वृषभदेव के समय का इंद्र द्वारा निर्मित एक देश । वृषभदेव यहाँ विहार करते हुए आये थे । कुंडलपुर इसी देश का नगर था । इसी देश में वरदा नदी के तट पर राजा कुणिम ने कुंडिमपुर नगर बसाया था । <span class="GRef"> महापुराण 16.153, 25.287, 71. 341, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_17#23|हरिवंशपुराण - 17.23]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) तीर्थंकर पुष्पदंत के मुख्य गणधर । <span class="GRef"> महापुराण 55.52 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) तीर्थंकर पुष्पदंत के मुख्य गणधर । <span class="GRef"> महापुराण 55.52 </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Line 25: | Line 25: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: व]] | [[Category: व]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
वर्तमान का बरार प्रांत। इसकी प्राचीन राजधानी विदर्भपुर (बीदर) अथवा कुंडिनपुर थी। ( महापुराण प्र.49/पं. पन्नालाल)।
पुराणकोष से
(1) वृषभदेव के समय का इंद्र द्वारा निर्मित एक देश । वृषभदेव यहाँ विहार करते हुए आये थे । कुंडलपुर इसी देश का नगर था । इसी देश में वरदा नदी के तट पर राजा कुणिम ने कुंडिमपुर नगर बसाया था । महापुराण 16.153, 25.287, 71. 341, हरिवंशपुराण - 17.23
(2) तीर्थंकर पुष्पदंत के मुख्य गणधर । महापुराण 55.52