सिद्धायतनकूट: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) विजयार्ध पर्वत के नौ कूटों में प्रथम कूट । इस पर पूर्व दिशा की ओर सिद्धकूट नाम से प्रसिद्ध एक अकृत्रिम जिनमंदिर है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.26, 30 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) विजयार्ध पर्वत के नौ कूटों में प्रथम कूट । इस पर पूर्व दिशा की ओर सिद्धकूट नाम से प्रसिद्ध एक अकृत्रिम जिनमंदिर है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#26|हरिवंशपुराण - 5.26]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#30|हरिवंशपुराण - 5.30]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) हिमवत् कुलाचल के ग्यारह कूटों में प्रथम कूट । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.53 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) हिमवत् कुलाचल के ग्यारह कूटों में प्रथम कूट । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#53|हरिवंशपुराण - 5.53]] </span></p> | ||
<p id="3">(3) महाहिमवत् कुलाचल के आठ कूटों में प्रथम कूट । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.71 </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) महाहिमवत् कुलाचल के आठ कूटों में प्रथम कूट । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#71|हरिवंशपुराण - 5.71]] </span></p> | ||
<p id="4">(4) निषध पर्वत के नौ कूटों में प्रथम कूट । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.88 </span></p> | <p id="4" class="HindiText">(4) निषध पर्वत के नौ कूटों में प्रथम कूट । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#88|हरिवंशपुराण - 5.88]] </span></p> | ||
<p id="5">(5) नीलकुलाचल के नौ कूटों में प्रथम कूट । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.99 </span></p> | <p id="5" class="HindiText">(5) नीलकुलाचल के नौ कूटों में प्रथम कूट । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#99|हरिवंशपुराण - 5.99]] </span></p> | ||
<p id="6">(6) रुक्मी पर्वत के आठ कूटों में प्रथम कूट । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.102 </span></p> | <p id="6" class="HindiText">(6) रुक्मी पर्वत के आठ कूटों में प्रथम कूट । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#102|हरिवंशपुराण - 5.102]] </span></p> | ||
<p id="7">(7) शिखरी पर्वत के ग्यारह कूटों में प्रथम कूट । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.105 </span></p> | <p id="7" class="HindiText">(7) शिखरी पर्वत के ग्यारह कूटों में प्रथम कूट । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#105|हरिवंशपुराण - 5.105]] </span></p> | ||
<p id="8">(8) ऐरावतक्षेत्र में विजया पर्वत के नौ कूटों में प्रथम कूट । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.110 </span></p> | <p id="8" class="HindiText">(8) ऐरावतक्षेत्र में विजया पर्वत के नौ कूटों में प्रथम कूट । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#110|हरिवंशपुराण - 5.110]] </span></p> | ||
<p id="6">(6) गंधमादन पर्वत के सात कूटों में प्रथम कूट । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.217 </span></p> | <p id="6" class="HindiText">(6) गंधमादन पर्वत के सात कूटों में प्रथम कूट । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#217|हरिवंशपुराण - 5.217]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:30, 27 November 2023
(1) विजयार्ध पर्वत के नौ कूटों में प्रथम कूट । इस पर पूर्व दिशा की ओर सिद्धकूट नाम से प्रसिद्ध एक अकृत्रिम जिनमंदिर है । हरिवंशपुराण - 5.26,हरिवंशपुराण - 5.30
(2) हिमवत् कुलाचल के ग्यारह कूटों में प्रथम कूट । हरिवंशपुराण - 5.53
(3) महाहिमवत् कुलाचल के आठ कूटों में प्रथम कूट । हरिवंशपुराण - 5.71
(4) निषध पर्वत के नौ कूटों में प्रथम कूट । हरिवंशपुराण - 5.88
(5) नीलकुलाचल के नौ कूटों में प्रथम कूट । हरिवंशपुराण - 5.99
(6) रुक्मी पर्वत के आठ कूटों में प्रथम कूट । हरिवंशपुराण - 5.102
(7) शिखरी पर्वत के ग्यारह कूटों में प्रथम कूट । हरिवंशपुराण - 5.105
(8) ऐरावतक्षेत्र में विजया पर्वत के नौ कूटों में प्रथम कूट । हरिवंशपुराण - 5.110
(6) गंधमादन पर्वत के सात कूटों में प्रथम कूट । हरिवंशपुराण - 5.217