कालकूट: Difference between revisions
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<span class="HindiText"> (1) भरतक्षेत्र के आर्यखंड का एक देश भरतेश ने इस देश को जीता था । <span class="GRef"> महापुराण 29.48 </span></br><span class="HindiText">(2) निर्दयी, भयंकर और काला वनवासियों का एक धनुर्धारी मुखिया । <span class="GRef"> महापुराण 75.287-290 </span></br><span class="HindiText">(3) तीक्ष्ण विष, इसे सूंघकर आशीविष सर्प भी तत्काल भस्म हो जाता है । <span class="GRef"> पद्मपुराण 104.72-75 </span> | <span class="HindiText"> (1) भरतक्षेत्र के आर्यखंड का एक देश भरतेश ने इस देश को जीता था । <span class="GRef"> महापुराण 29.48 </span></br><span class="HindiText">(2) निर्दयी, भयंकर और काला वनवासियों का एक धनुर्धारी मुखिया । <span class="GRef"> महापुराण 75.287-290 </span></br><span class="HindiText">(3) तीक्ष्ण विष, इसे सूंघकर आशीविष सर्प भी तत्काल भस्म हो जाता है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_104#72|पद्मपुराण - 104.72-75]] </span> | ||
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Latest revision as of 12:51, 10 February 2024
सिद्धांतकोष से
भरतक्षेत्र आर्य खंड का एक देश–देखें मनुष्य - 4।
पुराणकोष से
(1) भरतक्षेत्र के आर्यखंड का एक देश भरतेश ने इस देश को जीता था । महापुराण 29.48
(2) निर्दयी, भयंकर और काला वनवासियों का एक धनुर्धारी मुखिया । महापुराण 75.287-290
(3) तीक्ष्ण विष, इसे सूंघकर आशीविष सर्प भी तत्काल भस्म हो जाता है । पद्मपुराण - 104.72-75