कुरलकाव्य: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="HindiText"> | <span class="HindiText"> आचार्य एलाचार्य अपरनाम कुंदकुंद (ई॰ शताब्दि 2) कृत अध्यात्म नीति विषयक तामिल भाषा में रचित एक ग्रंथ है दक्षिण देश में यह तामिलवेद के नाम से प्रसिद्ध है, और इसकी जैनेतर लोगों में बहुत मान्यता है। इसमें 10,10 श्लोक प्रमाण 108 परिच्छेद हैं। | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 8: | Line 8: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: क]] | [[Category: क]] | ||
[[Category: इतिहास]] |
Latest revision as of 13:10, 23 March 2023
आचार्य एलाचार्य अपरनाम कुंदकुंद (ई॰ शताब्दि 2) कृत अध्यात्म नीति विषयक तामिल भाषा में रचित एक ग्रंथ है दक्षिण देश में यह तामिलवेद के नाम से प्रसिद्ध है, और इसकी जैनेतर लोगों में बहुत मान्यता है। इसमें 10,10 श्लोक प्रमाण 108 परिच्छेद हैं।