उद्भ्रांत: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
(6 intermediate revisions by 4 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
| | ||
== सिद्धांतकोष से == | == सिद्धांतकोष से == | ||
<p class="HindiText"><p> यह प्रथम नरक का पाँचवाँ पटल है। <br > | |||
विशेष जानकारी हेतु देखें [[ नरक#5.11 | नरक - 5.11 ]] और [[ रत्नप्रभा]] </p> | |||
Line 14: | Line 15: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> | <div class="HindiText"> <p> धर्मा (रत्नप्रभा) पृथिवी के पंचम प्रस्तार का इंद्रक बिल । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#76|हरिवंशपुराण - 4.76-77]] </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Line 25: | Line 26: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: उ]] | [[Category: उ]] | ||
[[Category: करणानुयोग]] | [[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
यह प्रथम नरक का पाँचवाँ पटल है।
विशेष जानकारी हेतु देखें नरक - 5.11 और रत्नप्रभा
पुराणकोष से
धर्मा (रत्नप्रभा) पृथिवी के पंचम प्रस्तार का इंद्रक बिल । हरिवंशपुराण - 4.76-77