गंगाद्वार: Difference between revisions
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<span class="HindiText"> सागर के तट पर स्थित गंगासागर का द्वार । भरत चकवर्ती ने समुद्र तक पहुँचकर यहाँ तीन दिन का उपवास किया था और चतुरंग सेना सहित पड़ाव डाला था । इससे विदित होता है कि गंगाद्वार पूर्वी समुद्र के तट पर था । <span class="GRef"> महापुराण 28.13, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 11. 2-3 </span> | <span class="HindiText"> सागर के तट पर स्थित गंगासागर का द्वार । भरत चकवर्ती ने समुद्र तक पहुँचकर यहाँ तीन दिन का उपवास किया था और चतुरंग सेना सहित पड़ाव डाला था । इससे विदित होता है कि गंगाद्वार पूर्वी समुद्र के तट पर था । <span class="GRef"> महापुराण 28.13, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_11#2|हरिवंशपुराण - 11.2-3]] </span> | ||
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Latest revision as of 14:41, 27 November 2023
सागर के तट पर स्थित गंगासागर का द्वार । भरत चकवर्ती ने समुद्र तक पहुँचकर यहाँ तीन दिन का उपवास किया था और चतुरंग सेना सहित पड़ाव डाला था । इससे विदित होता है कि गंगाद्वार पूर्वी समुद्र के तट पर था । महापुराण 28.13, हरिवंशपुराण - 11.2-3