चूड़ामणि: Difference between revisions
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<li class="HindiText"> नागपुर (हस्तिनापुर) नगर के राजा इभवाहन की स्त्री । <span class="GRef"> पदमपुराण 21.78 </span></li> | |||
<li class="HindiText"> भरत चक्रवर्ती का चिन्तामणि रत्न । <span class="GRef">महापुराण32.46, 37.172 </span></li> | |||
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Latest revision as of 14:41, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
- विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर। (देखें विद्याधर )।
- इंद्रनंदि श्रुतावतार के अनुसार तुंबुलाचार्य ने ‘कषायपाहुड़’ तथा ‘षटखंडागम’ के आद्य 5खंडों पर कन्नड़ भाषा में 84000 श्लोक प्रमाण चूड़ामणि नामक एक टीका लिखी थी। ई.1604 के भट्टाकलंक कृत कर्णाटक शब्दानुशासन में इसे ‘तत्त्वार्थ महा शास्त्र’ की 16000 श्लोक प्रमाण व्याख्या कही गई है। पं.जुगल किशोर जी मुख्तार तथा डा.हीरा लाल जी शास्त्री के अनुसार ‘तत्त्वार्थ महा शास्त्र’ का अभिप्रेत यहाँ उमास्वामी कृत तत्त्वार्थ सूत्र न होकर सिद्धांत शास्त्र है। (जैन साहित्य और इतिहास/1/275-276) देखें परिशिष्ट#1.4।
पुराणकोष से
- विद्याधर विनमि का पुत्र । हरिवंशपुराण - 22.105
- विजयार्ध की उत्तरश्रेणी का छठा नगर। महापुराण 19.78, 87 हरिवंशपुराण - 22.91
- शिर का आभूषण । महापुराण 4.94, 14.8, हरिवंशपुराण - 11.13
- नागपुर (हस्तिनापुर) नगर के राजा इभवाहन की स्त्री । पदमपुराण 21.78
- भरत चक्रवर्ती का चिन्तामणि रत्न । महापुराण32.46, 37.172