उपनय ब्रह्मचारी: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(One intermediate revision by the same user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="GRef"> चारित्रसार/42/1 </span><span class="SanskritText">तत्रोपनयब्रह्मचारिणो गणधरसूत्रधारिणः समभ्यस्तागमा गृहधर्मानुष्ठायिनो भवंति । .....।</span> | |||
<p class="HindiText">जो गणधर-सूत्र को धारण कर अर्थात् यज्ञोपवीत को धारण कर उपासकाध्ययन आदि शास्त्रों का अभ्यास करते हैं और फिर गृहस्थ धर्म स्वीकार करते हैं, उन्हें '''उपनय ब्रह्मचारी''' कहते हैं। </p> | |||
<p class="HindiText">देखें [[ ब्रह्मचारी ]]।</p> | |||
Line 8: | Line 11: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: चरणानुयोग]] | |||
[[Category: उ]] |
Latest revision as of 10:05, 24 January 2023
चारित्रसार/42/1 तत्रोपनयब्रह्मचारिणो गणधरसूत्रधारिणः समभ्यस्तागमा गृहधर्मानुष्ठायिनो भवंति । .....।
जो गणधर-सूत्र को धारण कर अर्थात् यज्ञोपवीत को धारण कर उपासकाध्ययन आदि शास्त्रों का अभ्यास करते हैं और फिर गृहस्थ धर्म स्वीकार करते हैं, उन्हें उपनय ब्रह्मचारी कहते हैं।
देखें ब्रह्मचारी ।