चिलात: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> उत्तर भरतक्षेत्र के मध्य म्लेच्छ खंड का एक देश एवं वहाँ का इसी नाम का एक मलेन राजा । इसने आवर्त्त नामक मलेन राजा से मिलकर संयुक्त रूप से भरत चक्रवर्ती का विरोध करने का निश्चय किया था । मंत्रियों द्वारा रोके जाने पर भी इन दोनों ने नागमुख और मेषमुख देवों का स्मरण किया । ये देव भरतेश की सेना से पराजित हो गये । तब इसने भरतेश की अधीनता स्वीकार कर ली । <span class="GRef"> महापुराण 32.46-77 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> उत्तर भरतक्षेत्र के मध्य म्लेच्छ खंड का एक देश एवं वहाँ का इसी नाम का एक मलेन राजा । इसने आवर्त्त नामक मलेन राजा से मिलकर संयुक्त रूप से भरत चक्रवर्ती का विरोध करने का निश्चय किया था । मंत्रियों द्वारा रोके जाने पर भी इन दोनों ने नागमुख और मेषमुख देवों का स्मरण किया । ये देव भरतेश की सेना से पराजित हो गये । तब इसने भरतेश की अधीनता स्वीकार कर ली । <span class="GRef"> महापुराण 32.46-77 </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:41, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
उत्तर भरतक्षेत्र के मध्यमलेच्छ खंड का एक देश–देखें मनुष्य - 4।
पुराणकोष से
उत्तर भरतक्षेत्र के मध्य म्लेच्छ खंड का एक देश एवं वहाँ का इसी नाम का एक मलेन राजा । इसने आवर्त्त नामक मलेन राजा से मिलकर संयुक्त रूप से भरत चक्रवर्ती का विरोध करने का निश्चय किया था । मंत्रियों द्वारा रोके जाने पर भी इन दोनों ने नागमुख और मेषमुख देवों का स्मरण किया । ये देव भरतेश की सेना से पराजित हो गये । तब इसने भरतेश की अधीनता स्वीकार कर ली । महापुराण 32.46-77