अयन: Difference between revisions
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1. <big>कालका एक प्रमाण-</big> देखें [[ गणित#I.1.4 | गणित - I.1.4(13)]]। | <p class="HindiText>1. <big>कालका एक प्रमाण-</big> देखें [[ गणित#I.1.4 | गणित - I.1.4(13)]]। <br> | ||
2. (ज.प्र./प्र.105) solstice।</p> | |||
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> <p> तीन ऋतुओं से युक्त काल । एक वर्ष में दो अयन होते हैं । ऋतु का समय दो मास का होता है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 7.21-22 </span>देखें [[ काल ]]</p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> तीन ऋतुओं से युक्त काल । एक वर्ष में दो अयन होते हैं । ऋतु का समय दो मास का होता है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_7#21|हरिवंशपुराण - 7.21-22]] </span>देखें [[ काल ]]</p> | ||
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Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
1. कालका एक प्रमाण- देखें गणित - I.1.4(13)।
2. (ज.प्र./प्र.105) solstice।
पुराणकोष से
तीन ऋतुओं से युक्त काल । एक वर्ष में दो अयन होते हैं । ऋतु का समय दो मास का होता है । हरिवंशपुराण - 7.21-22 देखें काल