द्रोणाचार्य: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
| <span class="GRef">( पांडवपुराण/सर्ग/श्लोक )</span><br> | ||
<span class="HindiText"> कौरव तथा पांडव के गुरु थे। (8/210-212)। अश्वत्थामा इनका पुत्र था। (10/146-152)। पांडवों का कौरवों द्वारा मायामहल में जलाना सुनकर दु:खी हुए। (12/197) कौरवों की ओर से अनेक बार पांडवों से लड़े। (19/91)। अंत में स्वयं शस्त्र छोड़ दिये। (20/222-232)। धृष्टार्जुन द्वारा मारे गये (20/233)। </span> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Latest revision as of 22:21, 17 November 2023
( पांडवपुराण/सर्ग/श्लोक )
कौरव तथा पांडव के गुरु थे। (8/210-212)। अश्वत्थामा इनका पुत्र था। (10/146-152)। पांडवों का कौरवों द्वारा मायामहल में जलाना सुनकर दु:खी हुए। (12/197) कौरवों की ओर से अनेक बार पांडवों से लड़े। (19/91)। अंत में स्वयं शस्त्र छोड़ दिये। (20/222-232)। धृष्टार्जुन द्वारा मारे गये (20/233)।