प्रलंब: Difference between revisions
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<li> <span class="GRef"> भगवती आराधना / विजयोदया टीका/1123/1130/16 </span><span class="SanskritText">प्रलंबं द्विविधं मूलप्रलंबं, अग्रप्रलंबं च । कंदमूलफलाख्यं, भूम्यनुप्रवेशि कंदमूलप्रलंबं, अंकुरप्रवालफलपत्राणि अग्रप्रलंबानि ।</span> = <span class="HindiText">प्रलंब के मूल प्रलंब और अग्र प्रलंब ऐसे दो भेद हैं । कंद, मूल और अंकुर जो भूमि में प्रविष्ट हुए हैं उनको <strong> मूल प्रलंब</strong> कहते हैं । अंकुर, कोमल पत्ते, फल और कठोर पत्ते इनको <strong>अग्रप्रलंब </strong> कहते हैं ।</span></li> | <li> <span class="GRef"> भगवती आराधना / विजयोदया टीका/1123/1130/16 </span><span class="SanskritText">प्रलंबं द्विविधं मूलप्रलंबं, अग्रप्रलंबं च । कंदमूलफलाख्यं, भूम्यनुप्रवेशि कंदमूलप्रलंबं, अंकुरप्रवालफलपत्राणि अग्रप्रलंबानि ।</span> = <span class="HindiText">प्रलंब के मूल प्रलंब और अग्र प्रलंब ऐसे दो भेद हैं । कंद, मूल और अंकुर जो भूमि में प्रविष्ट हुए हैं उनको <strong> मूल प्रलंब</strong> कहते हैं । अंकुर, कोमल पत्ते, फल और कठोर पत्ते इनको <strong>अग्रप्रलंब </strong> कहते हैं ।</span></li> |
Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
- एक ग्रह- देखें ग्रह ।
- भगवती आराधना / विजयोदया टीका/1123/1130/16 प्रलंबं द्विविधं मूलप्रलंबं, अग्रप्रलंबं च । कंदमूलफलाख्यं, भूम्यनुप्रवेशि कंदमूलप्रलंबं, अंकुरप्रवालफलपत्राणि अग्रप्रलंबानि । = प्रलंब के मूल प्रलंब और अग्र प्रलंब ऐसे दो भेद हैं । कंद, मूल और अंकुर जो भूमि में प्रविष्ट हुए हैं उनको मूल प्रलंब कहते हैं । अंकुर, कोमल पत्ते, फल और कठोर पत्ते इनको अग्रप्रलंब कहते हैं ।