कर्कोटक: Difference between revisions
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<span class="HindiText"> (2) राजा वरण का तृतीय पुत्र । वासुकि और धनजय इसके अग्रज तथा शतमुख और विश्वरूप अनुज थे ।<span class="GRef"> हरिवंशपुराण 48.50 </span> </br> | <span class="HindiText"> (2) राजा वरण का तृतीय पुत्र । वासुकि और धनजय इसके अग्रज तथा शतमुख और विश्वरूप अनुज थे ।<span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_48#50|हरिवंशपुराण - 48.50]] </span> </br> | ||
<span class="HindiText"> (3) कुंभ कंटक द्वीप का पर्वत । यहाँ चारुदत्त आया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 21.123 </span> </br> | <span class="HindiText"> (3) कुंभ कंटक द्वीप का पर्वत । यहाँ चारुदत्त आया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_21#123|हरिवंशपुराण - 21.123]] </span> </br> | ||
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<span class="HindiText">(5) कुंभकंटक द्वीप का एक पर्वत । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 21.123 </span> </br> | <span class="HindiText">(5) कुंभकंटक द्वीप का एक पर्वत । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_21#123|हरिवंशपुराण - 21.123]] </span> </br> | ||
<span class="HindiText">(6) जरासंध का पुत्र । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 52.36 </span> </br> | <span class="HindiText">(6) जरासंध का पुत्र । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_52#36|हरिवंशपुराण - 52.36]] </span> </br> | ||
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सिद्धांतकोष से
कंटक द्वीप में स्थित एक पर्वत – देखें मनुष्य - 4.5।
पुराणकोष से
(1) जरासंध का पुत्र । हरिवंशपुराण - 52.36
(2) राजा वरण का तृतीय पुत्र । वासुकि और धनजय इसके अग्रज तथा शतमुख और विश्वरूप अनुज थे । हरिवंशपुराण - 48.50
(3) कुंभ कंटक द्वीप का पर्वत । यहाँ चारुदत्त आया था । हरिवंशपुराण - 21.123
(4) धरण का पुत्र । हरिवंशपुराण - 48.50
(5) कुंभकंटक द्वीप का एक पर्वत । हरिवंशपुराण - 21.123
(6) जरासंध का पुत्र । हरिवंशपुराण - 52.36