अष्टम भक्त: Difference between revisions
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<p><span class="HindiText">एक दिन में दो भोजन वेला मानी जाती हैं। अतः आठ भोजन वेलाओं में से मात्र एकबार भोजन लेना अर्थात् तीन दिन का उपवास करना तेला या अष्टम भक्त कहलाता है। </br> | |||
<span class="GRef"> हरिवंशपुराण/34/125 </span> <span class="SanskritGatha">विधीनामिह सर्वेषामेषा हि च प्रदर्शना । एकश्चतुर्थकाभिख्यो द्वौ षष्ठं त्रयोऽष्टमः । दशमाद्यास्तथा वेद्याः षण्मास्यंतोपवासकाः ।125।</span> = <span class="HindiText">उपवास विधि में चतुर्थक शब्द से एक उपवास, षष्ठ शब्द से बेला और अष्ट शब्द से तेला लिया गया है, तथा इसी प्रकार आगे दशम शब्द से चौड़ा आदि छह मास पर्यंत उपवास समझने चाहिए । <span class="GRef">( भगवती आराधना/भाषा/209/425 )</span> ।</span><br /> | |||
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एक दिन में दो भोजन वेला मानी जाती हैं। अतः आठ भोजन वेलाओं में से मात्र एकबार भोजन लेना अर्थात् तीन दिन का उपवास करना तेला या अष्टम भक्त कहलाता है।
हरिवंशपुराण/34/125 विधीनामिह सर्वेषामेषा हि च प्रदर्शना । एकश्चतुर्थकाभिख्यो द्वौ षष्ठं त्रयोऽष्टमः । दशमाद्यास्तथा वेद्याः षण्मास्यंतोपवासकाः ।125। = उपवास विधि में चतुर्थक शब्द से एक उपवास, षष्ठ शब्द से बेला और अष्ट शब्द से तेला लिया गया है, तथा इसी प्रकार आगे दशम शब्द से चौड़ा आदि छह मास पर्यंत उपवास समझने चाहिए । ( भगवती आराधना/भाषा/209/425 ) ।
अधिक जानकारी हेतु देखें प्रोषधोपवास - 1।