त्रैविध्यदेव: Difference between revisions
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<li> माधवचंद्र वि.श.11 का पूर्व; </li> | |||
<li> पद्मनंदि नं.7 (वि.1373 में स्वर्गवास) के गुरु वि.1300-1350 (ई.1243-1298)। देखें [[ इतिहास#7.5 | इतिहास - 7.5]])। </li> | |||
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Latest revision as of 14:57, 23 September 2022
- नंदिसंघ के देशीयगण की गुर्वावली के अनुसार (देखें इतिहास - 7.5)। पाँच आचार्यों की उपाधि त्रैविध्यदेव थी।
- मेघचंद्र प्र.ई.930-950;
- मेघचंद्र द्वि.ई.1020-1155;
- माघनंदि ई.1133-1163;
- अकलंक द्वि.ई.1158-82;
- रामचंद्र ई.1158-1182। इनके अतिरिक्त भी दो अन्य आचार्य इस नाम से प्रसिद्ध थे–
- माधवचंद्र वि.श.11 का पूर्व;
- पद्मनंदि नं.7 (वि.1373 में स्वर्गवास) के गुरु वि.1300-1350 (ई.1243-1298)। देखें इतिहास - 7.5)।