रविवार व्रत: Difference between revisions
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Latest revision as of 16:27, 16 November 2022
आषाढ़ शुक्ल पक्ष के अंतिम रविवार से प्रारंभ होता है । आगे श्रावण व भाद्रपद के आठ रविवार । इस प्रकार 9 वर्ष तक प्रतिवर्ष इन 9 रविवारों का उपवास करे । यदि थोड़े समय में करना है तो आषाढ़ के अंतिम रविवार से लेकर अगले आषाढ़ के अंतिम रविवार तक एक वर्ष के 48 रविवारों के उपवास करे । नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप करे । (व्रत - विधान सं./44)।