तोरणाचार्य: Difference between revisions
From जैनकोष
ShrutiJain (talk | contribs) No edit summary |
(Imported from text file) |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
राष्ट्रकूटवंशी राजा गोविंद तृतीय के समय के अर्थात् शक संवत 724 व 719 के दो ताम्रपत्र उपलब्ध हुए हैं। उनके अनुसार आप कुंदकुंदांवय में से थे। और पुष्पनंदि के गुरु तथा प्रभाचंद्र के दादा गुरु थे। तदनुसार आपका समय शक संवत 600 (ईस्वी 678) के लगभग आता है। (ष.प्रा./प्र.4-5 प्रेमीजी) | राष्ट्रकूटवंशी राजा गोविंद तृतीय के समय के अर्थात् शक संवत 724 व 719 के दो ताम्रपत्र उपलब्ध हुए हैं। उनके अनुसार आप कुंदकुंदांवय में से थे। और पुष्पनंदि के गुरु तथा प्रभाचंद्र के दादा गुरु थे। तदनुसार आपका समय शक संवत 600 (ईस्वी 678) के लगभग आता है। (ष.प्रा./प्र.4-5 प्रेमीजी) <span class="GRef">( समयसार/ </span>प्र.K.B.Pathak) (जै./2/113)। | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 8: | Line 8: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: त]] | [[Category: त]] | ||
[[Category: इतिहास]] |
Latest revision as of 22:21, 17 November 2023
राष्ट्रकूटवंशी राजा गोविंद तृतीय के समय के अर्थात् शक संवत 724 व 719 के दो ताम्रपत्र उपलब्ध हुए हैं। उनके अनुसार आप कुंदकुंदांवय में से थे। और पुष्पनंदि के गुरु तथा प्रभाचंद्र के दादा गुरु थे। तदनुसार आपका समय शक संवत 600 (ईस्वी 678) के लगभग आता है। (ष.प्रा./प्र.4-5 प्रेमीजी) ( समयसार/ प्र.K.B.Pathak) (जै./2/113)।