अनुपात: Difference between revisions
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<span class="GRef">राजवार्तिक अध्याय 1/11,6/52/24</span> <p class="SanskritText">अनुपात्तं प्रकाशोपदेशादिपरः। </p> | |||
<p class="HindiText">= अनुपात उपदेशादि `पर' है।</p><br> | <p class="HindiText">= अनुपात उपदेशादि `पर' है।</p><br> | ||
< | <span class="GRef">राजवार्तिक अध्याय 9/7,1/600/8</span> <p class="SanskritText">अनुपात्तानि परमाण्वादीनि। कर्मनोकर्मभावेन आत्मनागृहीतानि। </p> | ||
<p class="HindiText">= अनुपात द्रव्य वे परमाणु आदि हैं जो आत्मा के द्वारा कर्म व नोकर्म रूप से ग्रहण किये जाने योग्य नहीं है।</p><br> | <p class="HindiText">= अनुपात द्रव्य वे परमाणु आदि हैं जो आत्मा के द्वारा कर्म व नोकर्म रूप से ग्रहण किये जाने योग्य नहीं है।</p><br> | ||
< | <span class="GRef">धवला पुस्तक 12/4,2,7/220/196/9</span> <p class="SanskritText">कोऽनुपातः। त्रैराशिकम्। </p> | ||
<p class="HindiText">= <b>प्रश्न</b> - अनुपात किसे कहते हैं। <b>उत्तर</b> - त्रैराशिक को अनुपात कहते हैं। 2. ( जंबूदीव-पण्णत्तिसंगहो / प्रस्तावना 127) Proportion.</p> | <p class="HindiText">= <b>प्रश्न</b> - अनुपात किसे कहते हैं। <br> | ||
<b>उत्तर</b> - त्रैराशिक को अनुपात कहते हैं। 2. <span class="GRef">(जंबूदीव-पण्णत्तिसंगहो / प्रस्तावना 127)</span> Proportion.</p> | |||
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Latest revision as of 22:15, 17 November 2023
राजवार्तिक अध्याय 1/11,6/52/24
अनुपात्तं प्रकाशोपदेशादिपरः।
= अनुपात उपदेशादि `पर' है।
राजवार्तिक अध्याय 9/7,1/600/8
अनुपात्तानि परमाण्वादीनि। कर्मनोकर्मभावेन आत्मनागृहीतानि।
= अनुपात द्रव्य वे परमाणु आदि हैं जो आत्मा के द्वारा कर्म व नोकर्म रूप से ग्रहण किये जाने योग्य नहीं है।
धवला पुस्तक 12/4,2,7/220/196/9
कोऽनुपातः। त्रैराशिकम्।
= प्रश्न - अनुपात किसे कहते हैं।
उत्तर - त्रैराशिक को अनुपात कहते हैं। 2. (जंबूदीव-पण्णत्तिसंगहो / प्रस्तावना 127) Proportion.