सुविशाल: Difference between revisions
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नव ग्रैवेयक का तृतीय पटल व इंद्रक-देखें [[ स्वर्ग#5.3 | स्वर्ग - 5.3]]। | <p class="HindiText">नव ग्रैवेयक का तृतीय पटल व इंद्रक-देखें [[ स्वर्ग#5.3 | स्वर्ग - 5.3]]।</p> | ||
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) वृषभदेव के सडसठवें गणधर । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 12.67 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) वृषभदेव के सडसठवें गणधर । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_12#67|हरिवंशपुराण - 12.67]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) मध्यम ग्रैवेयक का तीसरा इंद्रक विमान । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 6.52 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) मध्यम ग्रैवेयक का तीसरा इंद्रक विमान । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_6#52|हरिवंशपुराण - 6.52]] </span></p> | ||
<p id="3">(3) सौधर्म स्वर्ग का एक विमान । मु0 36.105</p> | <p id="3" class="HindiText">(3) सौधर्म स्वर्ग का एक विमान । मु0 36.105</p> | ||
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Latest revision as of 11:11, 24 February 2024
सिद्धांतकोष से
नव ग्रैवेयक का तृतीय पटल व इंद्रक-देखें स्वर्ग - 5.3।
पुराणकोष से
(1) वृषभदेव के सडसठवें गणधर । हरिवंशपुराण - 12.67
(2) मध्यम ग्रैवेयक का तीसरा इंद्रक विमान । हरिवंशपुराण - 6.52
(3) सौधर्म स्वर्ग का एक विमान । मु0 36.105