मोक्षमार्ग प्रकाशक: Difference between revisions
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<span class="HindiText">पं. टोडरमल (ई. 1796) द्वारा रचित हिंदी भाषा का अनुपम आध्यात्मिक ग्रंथ है। यह ग्रंथ अधूरा ही रह गया, क्योंकि विद्वेषियों की चुगली के कारण पंडितजी को असमय में ही अपना शरीर छोड़ना पड़ा। (</span><span class="GRef"> तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/4/286</span> | <span class="HindiText">पं. टोडरमल (ई. 1796) द्वारा रचित हिंदी भाषा का अनुपम आध्यात्मिक ग्रंथ है। यह ग्रंथ अधूरा ही रह गया, क्योंकि विद्वेषियों की चुगली के कारण पंडितजी को असमय में ही अपना शरीर छोड़ना पड़ा। (</span><span class="GRef"> तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/4/286)</span>।</span> | ||
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Latest revision as of 22:27, 17 November 2023
पं. टोडरमल (ई. 1796) द्वारा रचित हिंदी भाषा का अनुपम आध्यात्मिक ग्रंथ है। यह ग्रंथ अधूरा ही रह गया, क्योंकि विद्वेषियों की चुगली के कारण पंडितजी को असमय में ही अपना शरीर छोड़ना पड़ा। ( तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/4/286)।