पल्लव: Difference between revisions
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दक्षिण में काँची के समीपवर्ती प्रदेश। यहाँ इतिहास प्रसिद्ध पल्लव वंशी राजाओं का राज्य था। | <span class="HindiText">दक्षिण में काँची के समीपवर्ती प्रदेश। यहाँ इतिहास प्रसिद्ध पल्लव वंशी राजाओं का राज्य था। <span class="GRef">( महापुराण/ प्रस्तावना 50/पं. पन्नालाल)</span>।</span> | ||
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<div class="HindiText"> <p> वृषभदेव के समय में इंद्र द्वारा निर्मित देश । यह भरतक्षेत्र के दक्षिण में स्थित है । यहाँ तीर्थंकर नेमिनाथ ने विहार किया था । <span class="GRef"> महापुराण 16.141-148, 155, 72.196, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 17.213, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 61.42-43 </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 23.33 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> वृषभदेव के समय में इंद्र द्वारा निर्मित देश । यह भरतक्षेत्र के दक्षिण में स्थित है । यहाँ तीर्थंकर नेमिनाथ ने विहार किया था । <span class="GRef"> महापुराण 16.141-148, 155, 72.196, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_17#213|पद्मपुराण - 17.213]], </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_61#42|हरिवंशपुराण - 61.42-43]] </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 23.33 </span></p> | ||
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सिद्धांतकोष से
दक्षिण में काँची के समीपवर्ती प्रदेश। यहाँ इतिहास प्रसिद्ध पल्लव वंशी राजाओं का राज्य था। ( महापुराण/ प्रस्तावना 50/पं. पन्नालाल)।
पुराणकोष से
वृषभदेव के समय में इंद्र द्वारा निर्मित देश । यह भरतक्षेत्र के दक्षिण में स्थित है । यहाँ तीर्थंकर नेमिनाथ ने विहार किया था । महापुराण 16.141-148, 155, 72.196, पद्मपुराण - 17.213, हरिवंशपुराण - 61.42-43 पांडवपुराण 23.33