मलयगिरि: Difference between revisions
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प्रसिद्ध श्वेतांबर | <div class="HindiText">प्रसिद्ध श्वेतांबर टीकाकार। जिनकी श्वेतांबरीय प्राकृत पंचसंग्रह पर संस्कृत टीका उपलब्ध है –अधिक जानकारी के लिए देखें [[ परिशिष्ट ]]। | ||
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> <p> दक्षिण भारत का एक पर्वत । यहाँ भरतेश चक्रवर्ती ने विजय प्राप्त की थी । सह्य पर्वत इसके निकट था । यहाँ भील रहते थे । किन्नर देवियों का भी यहाँ गमनागमन था । पांडव विहार करते हुए यहाँ आये थे । <span class="GRef"> महापुराण 30.26-17, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 54.74 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> दक्षिण भारत का एक पर्वत । यहाँ भरतेश चक्रवर्ती ने विजय प्राप्त की थी । सह्य पर्वत इसके निकट था । यहाँ भील रहते थे । किन्नर देवियों का भी यहाँ गमनागमन था । पांडव विहार करते हुए यहाँ आये थे । <span class="GRef"> महापुराण 30.26-17, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_54#74|हरिवंशपुराण - 54.74]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
प्रसिद्ध श्वेतांबर टीकाकार। जिनकी श्वेतांबरीय प्राकृत पंचसंग्रह पर संस्कृत टीका उपलब्ध है –अधिक जानकारी के लिए देखें परिशिष्ट ।
पुराणकोष से
दक्षिण भारत का एक पर्वत । यहाँ भरतेश चक्रवर्ती ने विजय प्राप्त की थी । सह्य पर्वत इसके निकट था । यहाँ भील रहते थे । किन्नर देवियों का भी यहाँ गमनागमन था । पांडव विहार करते हुए यहाँ आये थे । महापुराण 30.26-17, हरिवंशपुराण - 54.74